आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नसरीन"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "नसरीन"
कहानी
सआदत हसन मंटो
नज़्म
उजाला
मेरी परवीन-ए-तख़य्युल, मिरी नसरीन-ए-निगाह
मैं ने तक़्दीस के फूलों से सजाया है तुझे
मुस्तफ़ा ज़ैदी
नज़्म
पैसा
हैं खिले कियारियों में नर्गिस-ओ-नसरीन-ओ-समन
हौज़ फ़व्वारे हैं बंगलों में भी पर्दे चलवन
नज़ीर अकबराबादी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "नसरीन"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "नसरीन"
ग़ज़ल
बाग़बानों को बताओ गुल-ओ-नस्रीं से कहो
इक ख़राब-ए-गुल-ओ-नसरीन-ए-बहार आ ही गया
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
आँख पड़ती है हर इक अहल-ए-नज़र की तुम पर
तुम में रूप ऐ गुल ओ नसरीन ओ समन किस का है
अल्ताफ़ हुसैन हाली
शेर
सुब्ह-दम मुझ से लिपट कर वो नशे में बोले
तुम बने बाद-ए-सबा हम गुल-ए-नसरीन हुए
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
शेर
क्या तुम्हें अहद-ए-मोहब्बत के वो लम्हे याद हैं
जब निगाहें बोलती थीं और हम ख़ामोश थे