आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "पस्तियाँ"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "पस्तियाँ"
ग़ज़ल
मतीन नियाज़ी
अन्य परिणाम "पस्तियाँ"
नज़्म
एक और मशवरा
बस्तियाँ हों कैसी भी पस्तियाँ हों जैसी भी
हर तरह की ज़ुल्मत को रौशनी कहा जाए
अमजद इस्लाम अमजद
ग़ज़ल
जिन को मिलीं बुलंदियाँ देखीं उन्हों ने पस्तियाँ
होती है हर दफ़ा मगर वज्ह-ए-ज़वाल मुख़्तलिफ़