आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "पुकार"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "पुकार"
ग़ज़ल
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
कई अजनबी तिरी राह में मिरे पास से यूँ गुज़र गए
जिन्हें देख कर ये तड़प हुई तिरा नाम ले के पुकार लूँ
बशीर बद्र
नज़्म
चंद रोज़ और मिरी जान
दिल की बे-सूद तड़प जिस्म की मायूस पुकार
चंद रोज़ और मिरी जान फ़क़त चंद ही रोज़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ए'तिराफ़
हर मसर्रत में है राज़-ए-ग़म-ओ-हसरत पिन्हाँ
क्या सुनोगी मिरी मजरूह जवानी की पुकार
असरार-उल-हक़ मजाज़
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "पुकार"
अन्य परिणाम "पुकार"
तंज़-ओ-मज़ाह
ख़ुदकुशी का मुझे यकलख़्त ख़्याल आता है
मैं पुकार उठता हूँ ये जीना भी है क्या जीना