aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "शमशान"
इमरान शमशाद नरमी
born.1978
शायर
नजमा तसद्दुक़
born.1917
शमशाद शाद
born.1963
शम्स फ़र्रुख़ाबादी
born.1936
सबा नक़वी
born.1940
शमशाद सहर
मैकश आज़मी
born.1973
लेखक
शमशाद हुसैन
शमशाद कुकरावी
born.1994
शमशाद जलील शाद
मिर्ज़ा शम्शाद अली बेग
शम्शाद ज़ैदी
सय्यद ग़ुलाम पंजतन शमशाद
शाह रुख़ शमशाद
पर्काशक
शमशाद हुसैन फ़लाही
संपादक
आज शमशान की सी बू है यहाँक्या कोई जिस्म जल रहा है कहीं
ता-अबद शहर-ए-सितम जिस से तबह हो जाएँइतना तारीक कि शमशान की शब हो जैसे
“चार दिन तो मज़े ले लेते ज़िंदगी के।” “क्या ये जिंदगी का मज़ा नहीं?” इंदू ने सदमा-ज़दा लहजे में कहा, “मर्द-औरत शादी किसलिए करते हैं? भगवान ने बिन माँगे दे दिया न? पूछो उन से जिन के नहीं होता। फिर वो क्या कुछ करते हैं। पीरों फ़क़ीरों के पास जाते...
शमशान है जलते जिस्मों काउस सम्त फ़ज़ा पर साया है
मैंने उसे मरते हुए नहीं देखा लेकिन जिन लोगों ने उसे मरते हुए देखा है वो भी उसके पागलपन पर आज तक हंसते हैं। कहते हैं मरने से पहले वो हश्शाश बश्शाश था। नदी के किनारे राम दुई के साथ खड़ा था, और उन तूफ़ानी लहरों का तमाशा देख रहा...
शमशानشمشان
place for burning pyres
Urdu Zaban Ka Lisaniyati Tajziya
भाषा
Imran Ki Shayari
काव्य संग्रह
हैदराबाद के बड़े लोग
परिचय
Urdu mein Usloobiyat
आलोचना
Harf-e-Isbaat
ग़ज़ल
Sahil Se Door
Tohfa-e-Sukhan Fahm
शम्शाद लखनवी
दीवान
Islami Khandan
मोहम्मद शमशाद नदवी
Rad-e-Satyarth Prakash Yani Arya Khandan
सय्यद शमशाद हुसैन शम्स मुसवी
Baadh
शमशाद अहमद
अफ़साना
Siyasi Zeene
दर्शन / फ़िलॉसफ़ी
Tazkira Aal-o-Ashab
इस्लामियात
Khazana-e-Khayal
Siyasi Kahani
Siyasi Manzilein
कुटिया जैसे इक शमशानगाँधी जी की लाश पड़ी है
उसकी अर्थी के साथ अ’ली जू इमाम दूकान से शमशान तक चवन्नियाँ और अठन्नियाँ निछावर करता रहा। अब कहाँ बनफूल की झंकार।...
और घर से शमशान तक की आख़िरी दुनिया-दारीकभी कभी मौत की निशानी होतीं है
"यहाँ से गाँव तक कोई सीधी सड़क नहीं। हमें अँधेरे में खोज लगाते जाना होगा। यहाँ से गाँव कोई आध मील होगा। ये हमारे गाँव का शमशान है। " "क्या कहा स्वामी?"...
जैसे मुसाफ़िरों के ज़हन में यमदूतों की कल्पना उभर रही हो। जैसे उनके जन्म-जन्म के पाप उनके सामने नाच रहे हों। जैसे जन्मभूमि से प्रेम करना ही उनका सबसे बड़ा दोश था। इसीलिए तो वो जन्मभूमि को छोड़कर भाग निकले थे। क़हक़हे और हँसी ठिठोली जन्मभूमि ने अपने पास रख...
अभी कुछ दूर है शमशान लेकिनबदन से राख झड़ती है अभी से
शाम को बाजा बजने लगा। काठ गोदाम के बहुत से आदमी बराती बन कर शादी में शामिल हुए। लक्षमण को बहुत अच्छे पहनावे पहनाए गए। सहरे बाँधे गए। वो और भी जवान हो गया था। लोगों ने शमशान में एक बड़े पुराने पीपल के पेड़ तले नौजवान लक्षमण को रख...
बात को फिर इंडिया काफ़ी हाऊस की तरफ़ घूमाते हुए कपूर बोला, “काफ़ी से ज़ियादा तुम्हें मेरी बात में रस आ जाता था, गीता! तुम्हारी ग़ैर-हाज़िरी में मेरे सामने फ़ैज़ का वो मिसरा उजागर हो उठता, गुल हुई जाती है अफ़्सुर्दा सुलगती हुई शाम। ऐश-ट्रे में सिगरेट की राख गिराते...
मंज़र शमशान हो गया हैदिल क़ब्रिस्तान हो गया है
तेवर से उस के आग तमन्ना में लग गईजलने लगा है दिल मिरा शमशान की तरह
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