aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".boba"
बाबा फ़रीद
1173/88 - 1266/80
शायर
1179 - 1266
ख़ालिद अबरार
born.1985
आफ़रीद कुरैशी बाबा
born.1999
हाशिर अफ़नान
born.1989
बाबा सावन सिंह जी
लेखक
बाबा मोक़द्दम
1875 - 1946
बाबा नजमी
बाबा जीमल जी महाराज
बाबा दाऊद ख़ाकी
1522 - 1586
मेहर बाबा
Shri Satya Sai Baba
Baba Ghulam Shah Badshah University Rajouri, Jammu and Kashmir
बाबा फ़ुग़ानी
बाबा गुलाब चंद
तिरी नाज़ुकी से जाना कि बँधा था अहद बोदाकभी तू न तोड़ सकता अगर उस्तुवार होता
मैं जो बोला कहा कि ये आवाज़उसी ख़ाना-ख़राब की सी है
बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाहजी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है
जुर्म आदम ने किया और नस्ल-ए-आदम को सज़ाकाटता हूँ ज़िंदगी भर मैं ने जो बोया नहीं
मैं अपने शहर-ए-इल्म-ओ-फ़न का था इक नौजवाँ काहिनमिरे तिल्मीज़-ए-इल्म-ओ-फ़न मिरे बाबा के थे हम-सिन
Baba-e-Urdu Maulvi Abdul Haq
शहाबुद्दीन साक़िब
शोध
Kalam-e-Baba Bulleh Shah
समीउल्लाह बरकत
संकलन
श्लोक शैख़ बाबा फ़रीद गंज शकर
शैख़ फ़रीद
व्याख्या
Baba Fareed Ganj Shakar
सय्यद अफ़ज़ल हैदर
चिश्तिय्या
Deewan-e-Baba Sair
मंज़ूर अहमद
दीवान
Malfoozat-e-Hazrat Baba Fareeduddin Ganj Shakar
हज़रत बदरुद्दीन इसहाक़
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
Baba Shaikh Faridudeen Ganj Shakar
गोर बचन सिंह तालिब
उपदेश
Intikhab-e-Kalam Baba Fareed
फ़रीदुद्दीन गंजशकर
शायरी
Kalam Baba Fareed Ganj-e-Shakar
मोहम्मद यूनुस हसरत
Baba-e-Urdu Molvi Abdul Haq
सय्यद मेराज नय्यर
आलोचना
Dohe Baba Farid
दोहा
Sawanih Hazrat Baba Fareeduddin Masood Ganj Shakar
वहीद अहमद मसऊद
अहवाल-ए-उर्स-ए-मुक़द्दस बाबा फरीद गंज शकर
सय्यद इमाम अली शाह
अब्दुल लतीफ़ अाज़मी
जीवनी
Baba Guru Nanak Dev Ji Aur Unki Muqaddas Talimat
गियानी करतार सिंह कोयल
सिख-मत
झूट बोला है तो क़ाएम भी रहो उस पर 'ज़फ़र'आदमी को साहब-ए-किरदार होना चाहिए
सब्ज़ होती ही नहीं ये सरज़मींतुख़्म-ए-ख़्वाहिश दिल में तू बोता है क्या
अब घाट न घर दहलीज़ न दरअब पास रहा है क्या बाबा
हँस के बोला करो बुलाया करोआप का घर है आया जाया करो
झूट के आगे पीछे दरिया चलते हैंसच बोला तो प्यासा मारा जाएगा
इश्क़ में कौन बता सकता हैकिस ने किस से सच बोला है
क्या ये कम है कि आख़िरी बोसाउस जबीं पर रक़म किया गया है
बाबा दुनिया जीत के मैं दिखला दूँगाअपनी नज़र से दूर तो मुझ को जाने दे
शमशीर-ए-शिम्र और मोहम्मद की बोसा-गाहजिस पर रसूल होंटों को मलते हों प्यार से
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