आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".fnt"
अत्यधिक संबंधित परिणाम ".fnt"
ग़ज़ल
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
अन्य परिणाम ".fnt"
ग़ज़ल
बिन चाहे बिन बोले पल में टूट फूट कर फिर बन जाए
बालक सोच रहा है अब भी ऐसा कोई खिलौना होगा
मीराजी
नज़्म
एक लड़का
कभी जब सोचता हूँ अपने बारे में तो कहता हूँ
कि तू इक आबला है जिस को आख़िर फूट जाना है