आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chashma e faiz ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "chashma e faiz ebooks"
ग़ज़ल
तिश्ना तिश्ना से बदन में है शराबी नश्शा
चश्मा-ए-फ़ैज़ तिरी आँख से फिर जारी है
ख़ालिद मलिक साहिल
अन्य परिणाम "chashma e faiz ebooks"
शेर
तुम्हारी ज़ुल्फ़ न गिर्दाब-ए-नाफ़ तक पहुँची
हुई न चश्मा-ए-हैवाँ से फ़ैज़-याब घटा
वज़ीर अली सबा लखनवी
शेर
मिरी चश्म-ए-तन-आसाँ को बसीरत मिल गई जब से
बहुत जानी हुई सूरत भी पहचानी नहीं जाती
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
चश्म-ए-फ़ैज़ और दस्त वो पारस-सिफ़त जब छू गए
मुझ को मिट्टी से उठाया और फ़लक पर कर दिया
क़ैसर हयात
नज़्म
आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो
चश्म-ए-नम जान-ए-शोरीदा काफ़ी नहीं
तोहमत-ए-इश्क़-ए-पोशीदा काफ़ी नहीं