आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dumbaal"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "dumbaal"
ग़ज़ल
पड़े दुम्बाल में मेरे सो उस नैनाँ के दुम्बाले
ख़ुदाया इश्क़ मुश्किल है भरम रख तूँ मआनी का
क़ुली क़ुतुब शाह
ग़ज़ल
डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उस की गर्दन पर
वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
तुर्फ़ा हालत है कि उठ कर मैं जहाँ जाता हूँ
तेरे दीदार की ख़्वाहिश मिरे दुम्बाल है आज
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "dumbaal"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "dumbaal"
ग़ज़ल
हुए इत्तिफ़ाक़ से गर बहम तो वफ़ा जताने को दम-ब-दम
गिला-ए-मलामत-ए-अक़रिबा तुम्हें याद हो कि न याद हो
मोमिन ख़ाँ मोमिन
नज़्म
दरख़्त-ए-ज़र्द
कभी ख़ुद तक भी मतलब कोई पहुंचाना नहीं होता
गुमानों के गुमाँ की दम-ब-दम आशोब-कारी है