आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kokh jali rajendar singh bedi uncategorized"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "kokh jali rajendar singh bedi uncategorized"
ग़ज़ल
हर लहज़ा कमीं दिल में तिरी याद रहेगी
बस्ती ये उजड़ने पे भी आबाद रहेगी
कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर
ग़ज़ल
हर लहज़ा मकीं दिल में तिरी याद रहेगी
बस्ती ये उजड़ने पे भी आबाद रहेगी
कँवर महेंद्र सिंह बेदी सहर
समस्त
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "kokh jali rajendar singh bedi uncategorized"
अन्य परिणाम "kokh jali rajendar singh bedi uncategorized"
नज़्म
रिश्वत
लोग हम से रोज़ कहते हैं ये आदत छोड़िए
ये तिजारत है ख़िलाफ़-ए-आदमियत छोड़िए