आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "lahn"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "lahn"
नज़्म
इंक़लाब
मुझ को तेरे लहन-ए-दाऊदी से कब इंकार है
बज़्म-ए-हस्ती का मगर क्या रंग है ये भी तो देख
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
आज की दुनिया
हर हर शिकस्त-ए-साज़ में है लहन-ए-सरमदी
या ज़िंदगी के गीत अजल गा रही है आज
फ़िराक़ गोरखपुरी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "lahn"
हास्य
तू ये कहता है लहन-तर हो कोई ताज़ा ग़ज़ल
मैं ये कहता हूँ कि बर-ख़ुरदार मैं रोज़े से हूँ
सय्यद ज़मीर जाफ़री
नज़्म
अब क्या करूँ
आँख झपकाने लगी थी दिल में याद-ए-लहन-ए-याद
मोर की आने लगी बन से सदा अब क्या करूँ
जोश मलीहाबादी
ग़ज़ल
'शाद' ग़ज़लें नहीं आयात-ए-ज़ुबूर इन को समझ
लहन-ए-दाऊद से कुछ कम नहीं नग़्मा तेरा
शाद अज़ीमाबादी
नज़्म
मुझे ले चल
और उन का लहन-ए-शीरीं गूँजता है कोहसारों में!
मिरी 'सलमा'! मुझे ले चल तू उन रंगीं बहारों में!
अख़्तर शीरानी
नज़्म
गुरु-नानक देव जी
तिरे कलाम में गौतम का नूर-ए-दानाई
तिरे तराने में मुरली का लहन-ए-यकताई