आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "maah"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "maah"
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "maah"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "maah"
नज़्म
शायद
मता-ए-दिल मता-ए-जाँ तो फिर तुम कम ही याद आओ
बहुत कुछ बह गया है सैल-ए-माह-ओ-साल में अब तक
जौन एलिया
ग़ज़ल
तुझे क्या ख़बर मह-ओ-साल ने हमें कैसे ज़ख़्म दिए यहाँ
तिरी यादगार थी इक ख़लिश तिरी यादगार भी अब नहीं
जौन एलिया
नज़्म
दरख़्त-ए-ज़र्द
हज़ारों साल से जीते चले आए हैं मर मर के
शुहूद इक फ़न है और मेरी अदावत बे-फ़नों से है
जौन एलिया
ग़ज़ल
सब रक़ीबों से हों ना-ख़ुश पर ज़नान-ए-मिस्र से
है ज़ुलेख़ा ख़ुश कि महव-ए-माह-ए-कनआँ हो गईं
मिर्ज़ा ग़ालिब
नज़्म
ए'तिराफ़
सर पे सर्शारी-ए-इशरत का जुनूँ तारी था
माह-पारों से मोहब्बत का जुनूँ तारी था