aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "nepal"
संदीप गांधी नेहाल
born.1996
शायर
सरवर नेपाली
born.1974
निहाल सेवहारवी
1901 - 1951
अल-हिरा एजुकेशनल सोसाईटी, नेपाल
पर्काशक
मरकज़-उत-तौहीद, नेपाल
अल-बरकात नेशनल इस्लामिक एकेडमी, नेपाल
काएनात-ए-सुखन, नेपाल
शोबा-ए-नशरो-इशाअत जामिया सिराजुल-उलूम, नेपाल
मोहम्मद निहाल अफ़रोज़
born.1988
लेखक
जावेद नेहाल
born.1928
नेहाल मंज़र
मुंशी कंवर चंद्र सहाए निहाल
मिर्ज़ा नेहाल अहमद बेग
संपादक
मौलवी मोहम्मद अरक़म नेपाली
जावेद नेहाल हशमी
born.1967
पंखे की स्पीड बढ़ाओकाठमांडो नेपाल में है
कुछ होता रहेगा यूँही हर साल नदारदतिब्बत कभी ग़ाएब कभी नेपाल नदारद
मुश्क-ए-नेपाल ने आलम से मशाइख़ खींचेखोदी मिट्टी तो कई दफ़न ख़ज़ाने निकले
ज़लज़ला नेपाल में आया कि हिन्दोस्तान मेंज़लज़ले के नाम से थर्रा उठा सारा जहाँ
पढ़ते थे किताबों में क़यामत का समाँनेपाल में कुछ इस का नमूना देखा
नेपालنیپال
Nepal
Nepal Mein Islam Ki Tareekh
मोहम्मद रज़ा सालिक
इस्लामिक इतिहास
Nepal Mein Urdu Zaban-o-Adab
नसीम अहमद नसीम
शोध
Bangal Ka Urdu Adab
इतिहास
Wonderful India
टाईम्स ऑफ़ इंडिया प्रकाशन, नई दिल्ली
भारत का इतिहास
Nepal Ke Urdu Shoara Ka Tafsili Jaeza
शारिक़ रब्बानी
Safar Nama, Pakistan, Sikkim Aur Nepal
फरीद मिर्ज़ा
Nepal mein Urdu ki Shama
नैपाल में उर्दू ज़बान-ओ-अदब
Khalid Jawed Shakhsiyat Aur Fan
Tahqeeq Aur Tanqeed
मज़ामीन / लेख
Phool Rani
अफ़साना
Mataa-e-Adab
Naqsh-e-Javed
Ham Bhi Munh Mein Zaban Rakhte Hain
वसी मकरानी वाजदी
Shumara Number-013,014
मोहम्मद इदरीस फ़लाही
Jan, Jun 1997पैग़ाम, नेपाल
وہ تاریک راہ داری سے باہر نکل آیا۔ باہر نکلتے ہی اس کی آنکھیں خیرہ ہو گئیں۔ ایک لمحے کے لیے اسے کچھ بھی دکھائی نہیں دیا۔ پھر دھیرے دھیرے کسی نے اس کا ہاتھ پکڑا اور کہا، Do you need cheap Air Ticket to Nepal?...
दिखने में हैं सीधी लड़कीलेकिन है वो ज़िद्दी लड़की
फ़िराक़ कहती थीं नेपाली नद्दियाँ 'आमिर'मगर शिकोह-ए-हिमाला नहीं गया मुझ से
बड़ी इन में नज़ाकत है तो हैमगर हम को शिकायत है तो है
मोहब्बत में कोई तन्हा सफ़र अच्छा नहीं लगताजो आऊँ लौट कर तो अपना घर अच्छा नहीं लगता
आज दीवाने को बे-वज्ह सताया जाएफूल ताज़ा कोई बालों में लगाया जाए
जो सही नईं हुज़ूर करते होआप कितना ग़ुरूर करते हो
बंधनों से रिहाई मत करनायूँ कभी भी जुदाई मत करना
यार की महफ़िल सजी मय की महक छाने लगीज़ेहन-ओ-दिल में ये कहाँ से रौशनी आने लगी
तुम ने इतना भुला दिया हम कोजब भी चाहा रुला दिया हम को
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