आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "phando.n"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "phando.n"
नज़्म
यकसूई
एक सरकश से मोहब्बत की तमन्ना रख कर
ख़ुद को आईन के फंदों में फंसाती क्यूँ हो
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मौलवियों का शग़्ल-ए-तकफ़ीर
तक़लीद के फंदों से हुए जाते हैं आज़ाद
वो लोग भी जो दाख़िल-ए-इसरार नहीं हैं
शिबली नोमानी
ग़ज़ल
ज़ुल्फ़ के फंदों को खोलो फिर दम-ए-'शो'ला' रुका
क्यों गले में घोंटते हो जान-ए-बे-तक़्सीर को
मुंशी बनवारी लाल शोला
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "phando.n"
ग़ज़ल
हर तरफ़ फैला हुआ है जब तिरा दाम-ए-फ़रेब
ता-ब-कै बचते तिरे फंदों से ऐ सय्याद हम
अनवारुल हक़ अहमर लखनवी
ग़ज़ल
ख़ुद अँधेरों की मुलाक़ात से डर जाते हैं
ख़ौफ़ के फंदों पे लहराए हुए ये चेहरे
शिव ओम मिश्रा अनवर
ग़ज़ल
हक़-गोई अगर है जुर्म तो फिर ले जाओ सलीबों तक मुझ को
सूली के लटकते फंदों तक मैं अपनी सदा ले जाऊँगा
ख़ालिद रहीम
नज़्म
नवा-ए-तल्ख़
ये सूद के पर्दे में आहंग-ए-ज़ियाँ कब तक
अल्फ़ाज़ के फंदों में एजाज़-ए-बयाँ कब तक
बशीरून्निसा बेगम बशीर
शेर
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में