आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qassam-e-azal"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "qassam-e-azal"
ग़ज़ल
ये क्या अंदाज़-ए-क़स्साम-ए-अज़ल था क्या नवाज़िश थी
मिरे हिस्सा में ले दे कर हयात-ए-मुस्तआर आई
प्रेम शंकर गोयला फ़रहत
नज़्म
इल्तिजा
जो मिरे चेहरे पे क़स्साम-ए-अज़ल ने लिखी
उस इबारत का हर इक लफ़्ज़ बना है कासा
अली अब्बास उम्मीद
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "qassam-e-azal"
ग़ज़ल
दिल भी क़स्साम-ए-अज़ल ने वो दिया क़िस्मत से
जिस ने दुनिया में न रक्खा किसी क़ाबिल मुझ को
शोला करारवी
ग़ज़ल
तू अगर बे-मंतिक़ी पर दिल की हँसता है तो क्या
दिल जिधर ले जाए क़स्साम-ए-अज़ल जाएँगे हम
वली आलम शाहीन
नज़्म
कोयल
मुझ को क़स्साम-ए-अज़ल देता अगर दो बाल-ओ-पर
उड़ के होता मैं भी तेरे साथ सरगर्म-ए-सफ़र
सुरूर जहानाबादी
ग़ज़ल
तुझ को क़स्साम-ए-अज़ल देना न था ये इश्क़-ए-ख़ाम
काश दिल के साथ देता सोज़-ए-परवाना मुझे
ज़ब्त सीतापुरी
ग़ज़ल
प्रेम शंकर गोयला फ़रहत
नज़्म
गुलहा-ए-अक़ीदत
गुल से अपनी निस्बत-ए-देरीना की खा कर क़सम
अहल-ए-दिल को इश्क़ के अंदाज़ समझाने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
ग़ज़ल
पत्थरों के रास्ते से अपने शीशे के क़दम
सई-ए-ला-हासिल का इक पैग़ाम ले कर आए हैं