aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "riichh"
रिचा प्रकाशन, बीकानेर
पर्काशक
सिप्रियन राइस
लेखक
व्लादिमीर गाबा रीफ
इमेट ए. राईस
डाॅ. ऋचा शर्मा
क्रेग राईस
1908 - 1957
ناول نگاری کافی دنوں تک اعتبار فن سے محروم رہی لیکن بورژوا نظام کے عروج نے اس کے آرٹ کی حصار بندی کی۔ ناول اور حقیقت نگاری کے ضمن میں لکھتے ہوئے رالف فاکس نے اس طرف بھی خاصی توجہ دی ہے۔ فن ناول نگاری کو موجودہ صورت و سیرت...
“हम... हम कमला-विमला के हाँ जाने की जल्दी में थे। वो इतना मना’ करने के बावुजूद पीछे-पीछे आ रही थी। हमने उसे जल्दी से बाग़ के अंदर फेंक दिया।” इतना कह कर मैंने ज़ार-ओ-क़तार रोना शुरू’ कर दिया। रोने के बा’द दिल हल्का हुआ और जुर्म का थोड़ा सा प्रायश्चित...
इक सर्कस टेढ़ा-मेढ़ा सा अंजाम तो क्या आग़ाज़ नहींउस रीछ के मुँह में दाँत नहीं इस बाज़ की आँखें बाज़ नहीं
देखरीछ के पैरों सा दस्त-ए-सूद-ख़्वार
देखना ये है कि जंगल को चलाने के लिएमशवरा रीछ से और चील से होगा कि नहीं
पंजाबी की एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा है जिसे हम सभी पसंद करते हैं। यहाँ कुछ लोकप्रिय पंजाबी कवियों की बेहतरीन अनूदित कविताओं का संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि आप को पसंद आएगा।
अगर आपको बस यूँही बैठे बैठे ज़रा सा झूमना है तो शराब शायरी पर हमारा ये इन्तिख़ाब पढ़िए। आप महसूस करेंगे कि शराब की लज़्ज़त और इस के सरूर की ज़रा सी मिक़दार उस शायरी में भी उतर आई है। ये शायरी आपको मज़ा तो देगी ही, साथ में हैरान भी करेगी कि शराब जो ब-ज़ाहिर बे-ख़ुदी और सुरूर बख़्शती है, शायरी मैं किस तरह मानी की एक लामहदूद कायनात का इस्तिआरा बन गई है।
तख़्लीक़ी ज़हन नास्टेलजाई कैफ़ितों में घिरा होता है वो बार बार अपने माज़ी की तरफ़ लौटता है, उसे कुरेदता है, अपनी बीती हुई ज़िंदगी के अच्छे बुरे लमहों की बाज़ियाफ़्त करता है। आप इन शेरों में देखेंगे कि माज़ी कितनी शिद्दत के साथ ऊद करता है और किस तरीक़े से गुज़री हुई ज़िंदगी हाल के साथ क़दम से क़दम मिला कर चलने लगती है। हमारे इस इन्तिख़ाब को पढ़ कर आप अपने माज़ी को एक नए तरीक़े से देखने, बरतने और याद करने के अहल होंगे।
रीछریچھ
bear
रीछ और मुसाफ़िर
ताहिर अख़्तर मैमन
बाल-साहित्य
Mahman Reechh
मायल ख़ैराबादी
कहानी
Naghma-e-Dil-e-Reesh Jameela-e-Darvesh
शफ़ी मशहदी
दीवान
Reechh Shahzada
मोहम्मद यूसुफ नियाज़
Mehman Reechh
अफ़साना
Khalai Mandir
विज्ञान
Tareekh-e-Reef
मोहम्मद फ़रहतुल्लाह बुलंदशहरी
विश्व इतिहास
मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यास
महिलाओं की रचनाएँ
Kuliiyat-e-Reesh
सुख दयाल सक्सेना
कुल्लियात
रीछ कुत्ता भेड़िया बिल्ली का बच्चाउन की तस्वीरें कहाँ हैं
افرادِ تمثیللے لینا ایوانوفنا پوپوف: (ایک بیوہ اور صاحبِ جائداد)
तीसरी बॉल पे सांभर जी ने कैच दियाचौथी बॉल पे रीछ बेचारा बोल्ड हुआ
हौसले जैसे डुबो डाले हैं इस परदेस नेरीछ निकला नद्दी से कम्बल से मैं निकला नहीं
’’بنگلور سے نظم کے معتبر شاعر اور ساہتیہ اکادمی ایوارڈ یافتہ ادیب خلیل مامون کی ادارت میں شائع ہونے والا ’ نیا ادب ‘ سہ ماہی ادبی سلسلہ ہے۔ اور اس کا اختصاص یہ ہے کہ موضوعی سطح پر اس نے عمومی راہ و روش سے الگ راہ اختیار کی...
रीछ अजब अंदाज़ से आएआ कर अच्छे नाच दिखाए
क़दम रखते ही खड़खड़ा मार रीछअदू उन की ज़ंजीर-ए-दर हो गई
शेर की अपनी ख़ुदाईरीछ के अपने ज़वाबित
बंदर क्रिकेट खेल रहे हैंरीछ की बैटिंग झेल रहे हैं
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