आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sukr"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "sukr"
नज़्म
ख़िज़्र-ए-राह
कट मरा नादाँ ख़याली देवताओं के लिए
सुक्र की लज़्ज़त में तू लुटवा गया नक़्द-ए-हयात
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
जो हैं मस्त-ए-अलस्त उन को ख़ुमार-ओ-सुक्र का डर क्या
निगाह-ए-तिश्ना-काम-ए-इश्क़ ही दस्त-ए-मुग़ाँ तक है
दत्तात्रिया कैफ़ी
ग़ज़ल
बे-ख़ुदी गुम-गश्तगी सुक्र-ओ-तहय्युर महवियत
कुछ मक़ामात और भी पड़ते हैं मयख़ाने के बा'द
रियाज़ ख़ैराबादी
शेर
सहव और सुक्र में रहते हैं तभी तो फ़ुक़रा
क्यूँकि आलम है अजब बे-ख़बरी का आलम
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "sukr"
ग़ज़ल
तिरी जज़्ब में है रुबूदगी तेरे सुक्र में है ग़ुनूदगी
न ख़बर शुहूद-ओ-वजूद की न तरंग-ए-मौज-ए-सराब है
पंडित जवाहर नाथ साक़ी
कुल्लियात
मिलने वालो फिर मिलिएगा है वो आलम-ए-दीगर में
'मीर' फ़क़ीर को सुक्र है या'नी मस्ती का आलम है अब
मीर तक़ी मीर
कुल्लियात
मयख़ाने में इस आलम के लग़्ज़िश पर मस्तों की न जा
सुक्र में अक्सर देखे हम ने बड़े बड़े याँ हुशियाराँ
मीर तक़ी मीर
नज़्म
सुरूर
तेरा जोबन कि जो शर्मिंदा-ए-सद-फ़ित्ना है
सुक्र ये तेरे हुज़ूरी का बयाँ कैसे हो
अख़लाक़ अहमद आहन
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
शुक्र शिकवे को किया हुस्न-ए-अदा से तू ने
हम-सुख़न कर दिया बंदों को ख़ुदा से तू ने
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
याद के फेर में आ कर दिल पर ऐसी कारी चोट लगी
दुख में सुख है सुख में दुख है भेद ये न्यारा भूल गया