aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "taimuur"
तैमूर हसन
born.1974
शायर
हिना तैमूरी
रिज़वान हैदर
born.1993
इमाम इबने तैमिया
लेखक
तैमूर शाहिद
रविन्द्रनाथ टैगोर
प्रवाना रुदौलवी
born.1933
लबीब तैमूरी
1883 - 1946
रईसु दीन तहूर जाफ़री
तहूर मंसूरी निगाह
मऊ ताम्रुल मुसन्नीफीन, पेशावर
पर्काशक
मक्तबा तामीर-ए-इंसानियत, लाहौर
अर्श तैमूरी
मोहम्मद तालीबुर्रहमान इनामदार तालिब
1938 - 1976
नीलोफ़र तैमूरी
हम दुनिया से जब तंग आया करते हैंअपने साथ इक शाम मनाया करते हैं
सफ़र में होती है पहचान कौन कैसा हैये आरज़ू थी मिरे साथ तू सफ़र करता
मोती नहीं हूँ रेत का ज़र्रा तो मैं भी हूँदरिया तिरे वजूद का हिस्सा तो मैं भी हूँ
करती है मुलूकीय्यत आसार-ए-जुनूँ पैदाअल्लाह के निश्तर हैं तैमूर हो या चंगेज़
तुम को मालूम तो है मुझ पे जो गुज़री 'तैमूर'पूछ कर मुझ से ज़रूरी है रुलाना मिरे दोस्त
तैमूरتیمور
name of a king
'तैमूर'تیمورؔ
Timur
ता'मीरتعمیر
construction
निर्माण, बनावट, रचना
ता-उम्रتا عمر
Life long
Delhi Ki Do Sau Baras Ki Tareekh
हसन बर्नी
भारत का इतिहास
अमीर तैमूर
हारोल्ड लैम्ब
Ameer Taimoor
Awami Zara-e-Iblagh, Tarseel Aur Tameer-o-Taraqqi
देवेन्द्र इस्सर
पत्रकारिता
Taimoor Ki Toli
अर्कादी गैदार
कहानी
Urdu Tarjuma Tuzak Taimur
इतिहास
Shahnama-e-Karbala
सय्यद मसीम तम्मार प्रवाना रुदाैलवी
महा-काव्य
Mantiq-ul-Tair
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार
मसनवी
Taleemat-e-Iqbal
यूसुफ़ सलीम चिश्ती
इक़बालियात तन्क़ीद
Taimoor Jisne Duniya Hila Dali
Islami Fann-e-Tameer
अरनिस्ट टाडहियाम रिचमंड
विश्व इतिहास
Tuzk-e-Taimuri
अनुवाद
Islami Art Aur Fan-e-Tameer
एर्नस्ट कुहनेल
असहाब-ए-सुफ़्फ़ा और तसव्वुफ़ की हक़ीक़त
सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
Aazad Qaum Ki Tameer Aur Pakistan
डॉ. नामूस
सांस्कृतिक इतिहास
तारीख़-दान लिक्खेगा 'तैमूर' ये ज़रूरइक शख़्स था जो कहता रहा शहर को बचा
मैं ने बख़्श दी तिरी क्यूँ ख़ता तुझे इल्म हैतुझे दी है कितनी कड़ी सज़ा तुझे इल्म है
बैठे बैठे उसे क्या होता है जाने 'तैमूर'जलता सिगरेट वो हथेली पे बुझा देता है
अगर किसी मस्लहत में पीछे हटा हूँ 'तैमूर'तो मत समझना कि अब मैं हमला नहीं करूँगा
गए दिनों में ये मामूल था मिरा 'तैमूर'ज़ियादा वक़्त मैं इक ख़्वाब में बसर करता
मिरी तवज्जोह फ़क़त मिरे काम पर रहेगीमैं ख़ुद को साबित करूँगा दावा नहीं करूँगा
ये मस्लहत है मिरी बुज़-दिली नहीं 'तैमूर'जहाँ ज़रूरी हुआ हौसला दिखाऊँगा
उतार लफ़्ज़ों का इक ज़ख़ीरा ग़ज़ल को ताज़ा ख़याल दे देख़ुद अपनी शोहरत पे रश्क आए सुख़न में ऐसा कमाल दे दे
तुम्हें मालूम है तैमूर की फ़ौजें जिस वक़्तअपने दुश्मन पे बढ़ा करती थीं
ख़ुशी ज़रूर थी 'तैमूर' दिन निकलने कीमगर ये ग़म भी सिवा था कि रात बीत गई
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