aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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Lala Dewedas
Author
ko.ii shak hai to be-shak aazmaa letiraa hone kaa da.ave-daar huu.n mai.n
shajar hai.n ab samar-aasaar merechale aate hai.n da.avedaar mere
ko.ii fikrmand kulaah kaako.ii da.ave-daar qabaa kaa hai
ishq ke hijje bhii jo na jaane.n vo hai.n ishq ke daavedaarjaise Gazle.n raT kar gaate hai.n bachche school me.n
मुझसे सवाल किया गया कि बीवी कैसी होना चाहिए, मैं कहता हूँ कि कोई बुरी बीवी मुझको दिखा दे तो मैं इस सवाल का जवाब दूँ। मेरे ख़याल में बीवी ख़ुदा की ने’अमत है और ख़ुदा की ने’अमत कभी बुरी नहीं होती। बीवी की वज्ह से घर में रौशनी सी...
दा'वेदारدعویدار
claimant
दावा करनेवाला, अपना अधिकार जतानेवाला, वादी, मुद्दई।
दा'वे-दारدعوے دار
Maloomat-e-Bharat Musafir
Devendra Issar
Nand Kishor Vikram
Articles / Papers
Shri Kamdev
Hindu-mat
Shri Kirshn Charittra Bhooma Sarwadh
Drama
मेबल लड़कियों के कॉलेज में थी लेकिन हम दोनों कैम्ब्रिज यूनीवर्सिटी में एक ही मज़मून पढ़ते थे इस लिए अक्सर लेक्चरों में मुलाक़ात हो जाती थी। इसके अलावा हम दोस्त भी थे। कई दिलचस्पियों में एक दूसरे के शरीक होते थे। तस्वीरों और मौसीक़ी का शौक़ उसे भी था, मैं...
और बिलफ़र्ज़ इन बातों से बच निकले तो क्या ज़याफ़त के मौक़ा पर किसी नियम ता’लीम-ए-याफ़्ता हमअस्र ने जो तनख़्वाह मैं आपसे बरतरी का दा’वेदार है आपकी आज़ाद मंशी का मज़हका उड़ाया? और जब आप पिटे हुए नज़र आये तो आप पर क़हक़हे बुलंद नहीं हुए? अगर आपको ऐसी मंज़िलें...
“कैसी तहरीक? वल्लाह मुझे तो इसके मुतअ'ल्लिक़ इ'ल्म नहीं।” “अजी यही किसान कहते हैं ना। ज़मीन में हल हम जोतते हैं। खेती-किसानी हम करते हैं। जाड़े-गर्मी की सब तकलीफ़ें हम सहते हैं। मगर जब फ़स्ल पक कर तैयार होती है तो ज़मींदार सारे अनाज का दावे-दार बन जाता है। और...
“नफ़स” के मअनी क़रीब हैं, “सांस” और मअनी बईद हैं “गुफ़्तगु, तकल्लुम।” यहां यही बईद मअनी मुराद हैं। लेकिन मअनी अव्वल भी बिल्कुल बेकार नहीं। “नफ़स” बमअनी “सांस” और “मौज-ए-नसीम” में लतीफ़ रिआयत है। ये मिसालें इस बात को साबित करने के लिए काफ़ी हैं कि इक़बाल के यहां रिआयत,...
बोले,तो फिर एक कुत्ता साथ रखा करो। तुम्हारी तरह वफ़ादार न हो तो मुज़ाइक़ा नहीं, लेकिन नाबीना न हो। हम तो अब इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि शाहान-ए-सल्फ़, बिलख़ुसूस बा'ज़ मुग़ल फरमाँरवा, अपने सरकश सूबेदारों, शोरा पुश्त शहज़ादों और तख़्त-व-ताज के दावेदार भाइयों की जल्लाद से आंखें निकलवा कर...
उस दिन से वो अपनी मैना का इंतिज़ार करने लगी। एक दिन मैंने चिड़िया बाज़ार का एक फेरा भी किया। मैना के दाम देसी मैना से ज़ियादा थे, इतने ज़ियादा भी नहीं कि मैं मोल न ले सकता, लेकिन जितनी तनख़्वाह उस वक़्त हाथ आती थी उसमें नहीं ले सकता...
अभी पिछले दिनों की बात है क़ादिरे मोची ने चमड़ा काटते हुए अपना अँगूठा भी काट लिया। सब लोगों की तरह ख़ुद क़ादिरे को भी यक़ीन था कि वो बचपन में हमजोलियों से शर्त बद कर शाम के बाद मासी गुल बानो के दरवाज़े को छू आया था तो मासी...
मशहदी लुंगी क़हक़हा मार कर हंसा। "ज़रा इस फ़ैशन आर्केड पर नज़र दौड़ाओ। रंग उन क़ौमों का है जिनका तुम हवाला दे रहे हो?" "क्या ये मिनी स्कर्ट, ये सी थ्रो बीबी, उस आईडीयल के मज़हर हैं जिसके तुम दावेदार हो? क्या तुम्हारे दौर जिस पर तुम इतने नाज़ाँ हो,...
ये बारिश-ए-संग ख़त्म इसलिए नहीं होती कि इस ज़िल्लत का तसलसुल भी हनूज़ क़ाइम है जिसने मंटो के हवास को थका डाला था। इसलिए हम ये सोचने में हक़-ब-जानिब होंगे कि मंटो का वजूद जिस वाक़िए’ से इ’बारत था, वो आज भी जारी है। उसकी मौत के साथ न तो...
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