आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'mubiin'"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "'mubiin'"
ग़ज़ल
हैरान हूँ कि उस के मुक़ाबिल हो आईना
जो पुर-ग़ुरूर खिंचता है माह-ए-मुबीं से दूर
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
उफ़ वो आरिज़ जिस के जल्वों पर फ़िदा मेहर-ए-मुबीं
आह वो लब जिन को देते हैं मह ओ अंजुम ख़िराज
अनवर साबरी
ग़ज़ल
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
साहिर देहल्वी
ग़ज़ल
ये भी इक उन की निगाहों का करिश्मा है मुबीन
ज़िंदगी ख़्वाब की सूरत में नज़र आती है
सय्यद मुबीन अल्वी ख़ैराबादी
ग़ज़ल
मुबीन गुलशन-ए-हस्ती में आग भड़की है
जुनून-ए-शौक़ ने क्या ख़ूब अपना काम किया
सय्यद मुबीन अल्वी ख़ैराबादी
ग़ज़ल
रह गया आख़िर सुकूँ-ना-आश्ना हो कर मुबीन
आहटें होने लगीं हैं दर्द की तेरे बग़ैर