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ग़ज़ल
दिलों से हिम्मत-ए-मर्दां निकाल देते हैं
अजीब क़िस्म के होते हैं बुज़दिली के चराग़
अली अफ़ज़ल झंझानवी
ग़ज़ल
मौत से वहशत है लोगों को मोहब्बत माल से
बाँग-ए-बे-हंगाम है कूस-ए-रहील-ए-कारवाँ
अब्दुल अज़ीज़ ख़ालिद
ग़ज़ल
ये आँसू कस्म-पुर्सी किस के मातम में बहाती है
जनाज़ा आज किस का कूचा-ए-क़ातिल से उठता है
शेर सिंह नाज़ देहलवी
ग़ज़ल
बहार-ए-बाग़-ए-आलम बे-सबात ऐसी है ऐ बुलबुल
गुमाँ है ख़ंदा-ए-गुल पर सदा-ए-कूस-ए-रेहलत का
असद अली ख़ान क़लक़
ग़ज़ल
हम कई क़िस्म के लहजों के बहुत क़ाइल हैं
हाँ मगर अपना जो अंदाज़-ए-सुख़न रक्खा है