aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "बे-कनार"
बहर-ए-बे-कनार तूमैं ज़रा सी आब-जू
समुंदरों की तरह बे-कनार होने कीकहीं तो रस्म चले बे-शुमार होने की
उस ने भी ख़ुद को बे-कनार कियाजिस का साहिल ने इंतिज़ार किया
ऐ मिरे हम-किनार जिस्म चल मुझे बे-कनार करमैं तुझे मुश्तहर करूँ तू मिरा इश्तिहार कर
हिसार-ए-ज़ात से निकल के बे-कनार हम हुएज़मीन-ओ-आसमाँ का नुक़रई ग़ुबार हम हुए
ज़िंदगी डूबती उभरती रहीक़ुल्ज़ुम-ए-बे-कनार फिर आया
आशोब-ए-आगही की शब-ए-बे-कनार मेंतेरे लिए 'जमील' कोई सोचता तो है
खोल कर बादबान-ए-कश्ती-ए-शौक़सतवत-ए-बहर-ए-बे-कनार को देख
मौत के दश्त-ए-बे-कनार में गुमशहर के हादसात में तन्हा
ढूँढना ख़ुद को हो गया मुश्किलगुम किसी बहर-ए-बे-कनार में हूँ
मक़्तल से जब गुज़र के हरीफ़ाना आइएइक दश्त-ए-बे-कनार में फिर घर बनाइए
तू है मुहीत-ए-बे-कराँ मैं हूँ ज़रा सी आबजूया मुझे हम-कनार कर या मुझे बे-कनार कर
फैला हुआ है सामने सहरा-ए-बे-कनारआँखों में अपनी ले के समुंदर खड़ा हूँ मैं
घर पर नज़र करूँ तो बयाबान सा लगेऔर दश्त-ए-बे-कनार मुझे घर दिखाई दे
आरज़ू-ए-साहिल से हम किनारा क्या करतेजिस तरफ़ क़दम उठ्ठे बहर-ए-बे-कनार आया
इस बहर-ए-बे-कनार में सहरा हैं मौजज़नदिल में बहार लाए वो बरसात हो कभी
जब दश्त-ए-बे-कनार में खे़मे लगा लिएफिर आंधियों को मेरी सज़ा कर दिया गया
बे-मिसाल क़रियों के बे-कनार बाग़ों केअपने ख़्वाब लोगों के ख़्वाब में दिखा दूँगा
मत करो बे-हिसार की बातेंमत करो बे-कनार की बातें
याद का बे-कनार दरिया हैकश्ती-ए-वक़्त से उतर जाऊँ
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books