आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aaluudgii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "aaluudgii"
ग़ज़ल
कितने शहरों की आलूदगी को हवा ने इकट्ठा किया
और मरने पे आए तो हम मर गए गुल की महकार से
शनावर इस्हाक़
ग़ज़ल
हम शिकस्ता-दिल न बहरा-मंद दुनिया से हुए
वर्ना इस आलूदगी से किस का दामन पाक था
मुहम्मद याक़ूब आमिर
ग़ज़ल
ज़ीस्त है इक मासियत सोज़-ए-दिली तेरे बग़ैर
हाँ मोहब्बत भी है इक आलूदगी तेरे बग़ैर