आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "baarish-e-ilhaam"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "baarish-e-ilhaam"
ग़ज़ल
दामन-ए-दिल पे नहीं बारिश-ए-इल्हाम अभी
इश्क़ ना-पुख़्ता अभी जज़्ब-ए-दरूँ ख़ाम अभी
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
दो अश्क जाने किस लिए पलकों पे आ कर टिक गए
अल्ताफ़ की बारिश तिरी इकराम का दरिया तिरा
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
तकते हैं फ़र्श-ए-नुत्क़ से 'अर्श-ए-ख़याल को
मुद्दत हुई कि बारिश-ए-इल्हाम भी नहीं
रियासत अली असरार
ग़ज़ल
जिन पे बारिश-ए-गुल है उन का हाल क्या होगा
ज़ख़्म खाने वाले भी बाग़ बाग़ हैं यारो
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
गौरय्यों ने जश्न मनाया मेरे आँगन बारिश का
बैठे बैठे आ गई नींद इसरार था ये किसी ख़्वाहिश का
बद्र-ए-आलम ख़लिश
ग़ज़ल
इस ज़माने में भी इल्हाम है 'मंज़ूर' का शे'र
मैं किसी दौर में हसरत-कश-ए-इल्हाम न था
अली मंज़ूर हैदराबादी
ग़ज़ल
अहल-ए-दिल पर बारिश-ए-लुत्फ़-ए-निगाह-ए-दिल-नवाज़
मेहरबाँ है इश्क़ पर चश्म-ए-निगाराँ इन दिनों