आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bhe.D"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bhe.D"
ग़ज़ल
याद के फेर में आ कर दिल पर ऐसी कारी चोट लगी
दुख में सुख है सुख में दुख है भेद ये न्यारा भूल गया
मीराजी
ग़ज़ल
खोने और पाने का जीवन नाम रखा है हर कोई जाने
उस का भेद कोई न देखा क्या पाना क्या खोना होगा
मीराजी
ग़ज़ल
गर्म आँसू और ठंडी आहें मन में क्या क्या मौसम हैं
इस बगिया के भेद न खोलो सैर करो ख़ामोश रहो
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
हम देखते हैं तुम में ख़ुदा जाने बुतो क्या
इस भेद को अल्लाह की क़सम कह नहीं सकते