आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bisaat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bisaat"
ग़ज़ल
मिरे साथ जुगनू है हम-सफ़र मगर इस शरर की बिसात क्या
ये चराग़ कोई चराग़ है न जला हुआ न बुझा हुआ
बशीर बद्र
ग़ज़ल
वो बिसात-ए-शेर-ओ-नग़्मा रतजगे वो चहचहे
फिर वही महफ़िल सजा दे ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी!