आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "boso.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "boso.n"
ग़ज़ल
लाएँगे कहाँ से बोल रसीले होंटों की नादारी में
समझो एक ज़माना गुज़रा बोसों की इमदाद हुए
जौन एलिया
ग़ज़ल
उड़ी फिरती थी बोसों की चटक जिन की फ़ज़ाओं में
वो एहसासात में डूबे शबिस्ताँ याद आते हैं
अब्दुल हमीद अदम
ग़ज़ल
अहमद हुसैन माइल
ग़ज़ल
मज़ा जब था कि बोतल से उबलती फैलती रुत में
धुआँ साँसों से उठता गर्म बोसों से बदन छिलते
फ़ुज़ैल जाफ़री
ग़ज़ल
बदन पर इस-क़दर बारिश मिरे होती है बोसों की
कि जब बाँहें तिरी मुझ पर खुली हों डालियाँ बन कर