आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chatak"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "chatak"
ग़ज़ल
चमन में नाज़ बुलबुल ने किया जो अपनी नाले पर
चटक कर ग़ुंचा बोला क्या किसी से हो नहीं सकता
दाग़ देहलवी
ग़ज़ल
चटक रही है किसी याद की कली दिल में
नज़र में रक़्स-ए-बहाराँ की सुब्ह-ओ-शाम लिए
मख़दूम मुहिउद्दीन
ग़ज़ल
चटक कर दी सदा ग़ुंचे ने शाख़-ए-गुल की जुम्बिश पर
ये गुलशन है ज़रा बाद-ए-सहर आहिस्ता आहिस्ता
क़मर जलालवी
ग़ज़ल
उड़ी फिरती थी बोसों की चटक जिन की फ़ज़ाओं में
वो एहसासात में डूबे शबिस्ताँ याद आते हैं
अब्दुल हमीद अदम
ग़ज़ल
चटक में ग़ुंचे की वो सौत-ए-जाँ-फ़ज़ा तो नहीं
सुनी है पहले भी आवाज़ ये कहीं मैं ने
अख़्तर अली अख़्तर
ग़ज़ल
बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है
हर एक ग़ुंचा चटक रहा है गुलों की रंगत बदल रही है