आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chimte"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "chimte"
ग़ज़ल
इधर से पानियों का रेला कब का जा चुका है
मगर बच्चे दरख़्तों से अभी चिमटे हुए हैं
अख़्तर होशियारपुरी
ग़ज़ल
हँसे बोले रहे मशग़ूल अपने जिस तरह चाहा
उधर लिपटे उधर सोए यहाँ चिमटे वहाँ लिपटे
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
चलिए अपने आप से चिमटे रहना तो मौक़ूफ़ किया
जब से रोज़ के समझौतों का वो पाबंद हुआ
आफ़ताब इक़बाल शमीम
ग़ज़ल
छोड़ो भी जम के क़िस्से माज़ी से क्या हो चिमटे
ऐ जाम-ए-जम हमारा पैमाना बन के देखो
मज़हरुल क़य्यूम मज़हर
ग़ज़ल
नाहक़ हम मजबूरों पर ये तोहमत है मुख़्तारी की
चाहते हैं सो आप करें हैं हम को अबस बदनाम किया
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
ख़त्म हुआ मेरा फ़साना अब ये आँसू पोंछ भी लो
जिस में कोई तारा चमके आज की रात वो रात नहीं