आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "daavo.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "daavo.n"
ग़ज़ल
जिन्हें मा'लूम है तेरी निगाह-ए-नाज़ का आलम
वो अपने ज़ब्त के दा'वों को ख़ुद बातिल समझते हैं
मिर्ज़ा मोहम्मद हादी अज़ीज़ लखनवी
ग़ज़ल
दयार-ए-ग़ैर में हम भी सदाओं से मचल जाते
मगर थे कौन अपने जिन के दा'वों से पिघल जाते
सीमा अब्बासी
ग़ज़ल
जान सी शय बिक जाती है एक नज़र के बदले में
आगे मर्ज़ी गाहक की इन दामों तो सस्ती है
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
इश्क़ के मैदाँ-दारों में भी मरने का है वस्फ़ बहुत
या'नी मुसीबत ऐसी उठाना कार-ए-कार-गुज़ाराँ है
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
दिल में वो ज़ख़्म खिले हैं कि चमन क्या शय है
घर में बारात सी उतरी हुई गुल-दानों की