आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dauraan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dauraan"
ग़ज़ल
सलीक़ा जिन को होता है ग़म-ए-दौराँ में जीने का
वो यूँ शीशे को हर पत्थर से टकराया नहीं करते
नुशूर वाहिदी
ग़ज़ल
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
कुछ ग़म-ए-जानाँ कुछ ग़म-ए-दौराँ दोनों मेरी ज़ात के नाम
एक ग़ज़ल मंसूब है उस से एक ग़ज़ल हालात के नाम
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
ग़ज़ल
रवाँ है नब्ज़-ए-दौराँ गर्दिशों में आसमाँ सारे
जो तुम कहते हो सब कुछ हो चुका ऐसे नहीं होता