आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dhuupe.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dhuupe.n"
ग़ज़ल
शहर में उस के नाम के जितने शख़्स थे सब ही अच्छे थे
सुब्ह-ए-सफ़र तो धुंद बहुत थी धूपें बन कर निकली मैं
किश्वर नाहीद
ग़ज़ल
जलती धूपें प्यासा पंछी नहर किनारे उतरेगा
जब भी कोई ज़ख़्म दिखा है अंग पिया के लागे हम