आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "farq"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "farq"
ग़ज़ल
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
नादानी और मजबूरी में यारो कुछ तो फ़र्क़ करो
इक बे-बस इंसान करे क्या टूट के दिल आ जाए तो
अंदलीब शादानी
ग़ज़ल
अहवाल-ए-मोहब्बत में कुछ फ़र्क़ नहीं ऐसा
सोज़ ओ तब-ओ-ताब अव्वल सोज़ ओ तब-ओ-ताब आख़िर
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
तुझ से दूरी दूरी कब थी पास और दूर तो धोका हैं
फ़र्क़ नहीं अनमोल रतन को खो कर फिर से पाने में
मीराजी
ग़ज़ल
क़मर जलालवी
ग़ज़ल
उलझ पड़ते अगर तो हम में तुम में फ़र्क़ क्या रहता
यही दीवार बाक़ी थी सलामत छोड़ दी हम ने
शहज़ाद अहमद
ग़ज़ल
मुझे बताओ कि मेरी नाराज़गी से तुम को है फ़र्क़ कोई
मैं खा रही हूँ न-जाने कब से ही पेच-ताव मुझे मनाओ
आमिर अमीर
ग़ज़ल
आले रज़ा रज़ा
ग़ज़ल
मैं बताऊँ फ़र्क़ नासेह जो है मुझ में और तुझ में
मिरी ज़िंदगी तलातुम तिरी ज़िंदगी किनारा
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
वाइ'ज़ से रह-ओ-रस्म रही रिंद से सोहबत
फ़र्क़ इन में कोई इतना ज़ियादा तो नहीं था