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ग़ज़ल
मेरा साँस उखड़ते ही सब बैन करेंगे रोएँगे
या'नी मेरे बा'द भी या'नी साँस लिए जाते होंगे
जौन एलिया
ग़ज़ल
शकील जाज़िब
ग़ज़ल
इश्क़ का मारा न सहरा ही में कुछ चौपट पड़ा
है जहाँ उस का अमल वो शहर भी है पट पड़ा