aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "jaadu"
उस की आँखों ने ख़ुदा जाने किया क्या जादूकि तबीअ'त मिरी माइल कभी ऐसी तो न थी
यकायक अज़ दिल दो चश्म जादू ब-सद-फ़रेबम ब-बुर्द तस्कींकिसे पड़ी है जो जा सुनावे पियारे पी को हमारी बतियाँ
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना हैमिल जाए तो मिट्टी है खो जाए तो सोना है
ख़त ऐसा लिखा है कि नगीने से जड़े हैंवो हाथ कि जिस ने कोई ज़ेवर नहीं देखा
'कैफ़' बता क्या तेरी ग़ज़ल में जादू हैबच्चा बच्चा तेरा दिवाना लगता है
आँख उट्ठी मोहब्बत ने अंगड़ाई ली दिल का सौदा हुआ चाँदनी रात मेंउन की नज़रों ने कुछ ऐसा जादू किया लुट गए हम तो पहली मुलाक़ात में
याद आते हैं मो'जिज़े अपनेऔर उस के बदन का जादू भी
देखो तो चश्म-ए-यार की जादू-निगाहियाँबेहोश इक नज़र में हुई अंजुमन तमाम
मुद्दतों ब'अद चला उन पे हमारा जादूमुद्दतों ब'अद हमें बात बनानी आई
उस की बातें कि गुल-ओ-लाला पे शबनम बरसेसब को अपनाने का उस शोख़ को जादू आए
तेरी आवाज़ का जादू न चलेगा उन परजागने वालों को 'शहज़ाद' जगाता क्या है
पथराया है दिल यूँ कि कोई इस्म पढ़ा जाएये शहर निकलता नहीं जादू के असर से
हर्फ़ से तासीर लफ़्ज़ों से मअ'नी ले गयाजाते जाते वो मिरी जादू-बयानी ले गया
मिल के उन की निगाह-ए-जादू सेदिल को हैराँ बना गईं आँखें
सियाह ज़ुल्फ़ घटा जाल जादू जंग जलालफ़ुसूँ शबाब शिकारन शराब रात घनी
इश्क़ नश्शा है न जादू जो उतर भी जाएये तो इक सैल-ए-बला है सो गुज़र भी जाए
मैं रो रहा था मुक़द्दर की सख़्त राहों मेंउड़ा के ले गए जादू तिरी नज़र के मुझे
जिस्म दमकता, ज़ुल्फ़ घनेरी, रंगीं लब, आँखें जादूसंग-ए-मरमर, ऊदा बादल, सुर्ख़ शफ़क़, हैराँ आहू
कल तिरी होश-रुबाई से हुआ था आज़ादआज फिर इक नए जादू में गिरफ़्तार हूँ मैं
तुझ लब की सिफ़त ला'ल-ए-बदख़्शाँ सूँ कहूँगाजादू हैं तिरे नैन ग़ज़ालाँ सूँ कहूँगा
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