आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kalaf"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "kalaf"
ग़ज़ल
कम-ज़र्फ़ ने कलफ़ का पहन कर लिबास क्यों
दावा किया कि रौनक़-ए-बाज़ार मैं भी हूँ
नय्यर क़ुरैशी गंगोही
ग़ज़ल
शाहबाज़ नय्यर
ग़ज़ल
शाहबाज़ नय्यर
ग़ज़ल
ग़ैर की नज़रों से बच कर सब की मर्ज़ी के ख़िलाफ़
वो तिरा चोरी-छुपे रातों को आना याद है
हसरत मोहानी
ग़ज़ल
उस ने नज़र नज़र में ही ऐसे भले सुख़न कहे
मैं ने तो उस के पाँव में सारा कलाम रख दिया
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क़
बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
मैं हूँ सदफ़ तो तेरे हाथ मेरे गुहर की आबरू
मैं हूँ ख़ज़फ़ तो तू मुझे गौहर-ए-शाहवार कर