आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khuluus-o-unsiyat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "khuluus-o-unsiyat"
ग़ज़ल
ख़ुलूस-ए-निय्यत-ए-रह-रौ पे मुनहसिर है 'अज़ीम'
मक़ाम-ए-इश्क़ बहुत दूर भी है पास भी है
अज़ीम मुर्तज़ा
ग़ज़ल
फ़ाज़िल अंसारी
ग़ज़ल
फ़ज़ा-ए-सुब्ह-ए-गुलिस्ताँ से शाम-ए-ज़िंदाँ तक
ख़ुलूस-ए-हम-नफ़सान-ए-वतन की बात चली
मुर्तज़ा अली शाद
ग़ज़ल
जहाँ शर्मिंदा-ए-ताबीर है फ़ितरत ज़माने की
ख़ुलूस-ए-आदमियत 'राज़' लाई है वहाँ मुझ को
दाऊद ख़ाँ राज़
ग़ज़ल
दिल ख़ुलूस-ए-ग़म-ए-उल्फ़त से है ख़ाली वर्ना
इश्क़ अफ़्साना बना कर भी न अफ़्साना बने
बिस्मिल आग़ाई
ग़ज़ल
ख़ुलूस-ए-जज़्बा-ए-ता'मीर भी है शर्त ऐ दोस्त
कि चार तिनकों का नाम आशियाँ नहीं होता