आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "maz.hab-e-insaaniyat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "maz.hab-e-insaaniyat"
ग़ज़ल
शहीद-ए-ग़ैरत-ए-इंसानियत के ज़ौक़ से पूछ
लहू बहा के जो पाई वो आबरू क्या है
सयय्द महमूद हसन क़ैसर अमरोही
ग़ज़ल
यहाँ तस्बीह का हल्क़ा वहाँ ज़ुन्नार का फंदा
असीरी लाज़मी है मज़हब-ए-शैख़-ओ-बरहमन में
चकबस्त बृज नारायण
ग़ज़ल
अर्श मलसियानी
ग़ज़ल
तहज़ीब-ओ-नस्ल-ओ-मज़हब-ओ-रंग-ओ-वतन को देख
ख़ल्क़-ए-ख़ुदा की कितने ख़ुदाओं से जंग है