आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "qaliil"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "qaliil"
ग़ज़ल
तिरी राह कितनी तवील है मिरी ज़ीस्त कितनी क़लील है
मिरा वक़्त तेरा असीर है मुझे लम्हा लम्हा सँवार दे
इन्दिरा वर्मा
ग़ज़ल
डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उस की गर्दन पर
वो ख़ूँ जो चश्म-ए-तर से उम्र भर यूँ दम-ब-दम निकले
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
क्या क्या कहूँ मैं तुम से जुदाई के मोड़ पर
शर्मिंदगी ज़ियादा है मोहलत क़लील है
सय्यद कौनैन हैदर काज़मी
ग़ज़ल
क़िस्सा तो ज़ुल्फ़-ए-यार का तूल ओ तवील है
क्यूँकर अदा हो उम्र का रिश्ता क़लील है