आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rafiiq"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "rafiiq"
ग़ज़ल
रफ़ीक़-ए-ज़िंदगी थी अब अनीस-ए-वक़्त-ए-आख़िर है
तिरा ऐ मौत हम ये दूसरा एहसान लेते हैं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
नहीं बेगानगी अच्छी रफ़ीक़-ए-राह-ए-मंज़िल से
ठहर जा ऐ शरर हम भी तो आख़िर मिटने वाले हैं
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
मुझ को नशात से फ़ुज़ूँ रस्म-ए-वफ़ा अज़ीज़ है
मेरा रफ़ीक़-ए-शब रहा एक दिया बुझा हुआ
पीरज़ादा क़ासीम
ग़ज़ल
तिरा क़ुर्ब था कि फ़िराक़ था वही तेरी जल्वागरी रही
कि जो रौशनी तिरे जिस्म की थी मिरे बदन में भरी रही
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
वही साथी है जो रफ़ीक़ है वही यार है जो सदीक़ है
वही मेहर है वही मामता तुम्हें याद हो कि न याद हो
इस्माइल मेरठी
ग़ज़ल
रंज ओ त'अब मुसीबत ओ ग़म यास ओ दर्द ओ दाग़
आह ओ फ़ुग़ाँ रफ़ीक़ हैं ये दिल के चार पाँच