आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rag.de"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "rag.de"
ग़ज़ल
हाल नहीं जीने के क़ाबिल आस नहीं मरने देती
एड़ियाँ रगड़े आख़िर कब तक ख़ाक पर इक मक़्तूल पड़ा
आरज़ू लखनवी
ग़ज़ल
सहरा के ख़ुश्क सीने से चश्मा उबल पड़ा
रगड़े लगे जो नन्हे से बच्चे के पाँव के
मोहम्मद अमीर आज़म क़ुरैशी
ग़ज़ल
भरोसा एड़ियाँ रगड़े न कोई आस दम तोड़े
वफ़ा का नाम भी लेना तो दुनिया छान कर लेना
शब्बीर अहमद क़रार
ग़ज़ल
हज़रत-ए-मजनूँ जो इक बार ब-नाम-ए-लैला
एड़ियाँ रगड़े अगर दश्त में ज़मज़म निकले
दानियाल हैदर जाफ़री
ग़ज़ल
बहुत बेबाक आँखों में त'अल्लुक़ टिक नहीं पाता
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है