आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sirf-o-azm-e-aatshii.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sirf-o-azm-e-aatshii.n"
ग़ज़ल
ऐ अज़्म-ए-मुकम्मल जो सहारा तिरा पाऊँ
दुनिया के अंधेरे में नई शम्अ' जलाऊँ
हकीम मज़हर सुब्हान उस्मानी
ग़ज़ल
नसीर कोटी
ग़ज़ल
बद्र-ए-आलम ख़लिश
ग़ज़ल
देख लेना पस-ए-क़ातिल भी कोई होगा ज़रूर
सिर्फ़ क़ातिल ही चलाता नहीं ख़ंजर देखो
बद्र-ए-आलम ख़ाँ आज़मी
ग़ज़ल
उस बज़्म-ए-सुख़न में हम क्या पहुँचे कि शोर उट्ठा
लो 'अज़्म' कोई ज़ख़्मी तहरीर उठा लाया
अज़्म बहज़ाद
ग़ज़ल
उठो 'अज़्म' इस आतिश-ए-शौक़ को सर्द होने से रोको
अगर रुक न पाए तो कोशिश ये करना धुआँ खो न जाए