आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sulajhne"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sulajhne"
ग़ज़ल
सलाम नज्मी
ग़ज़ल
सुलझने ही न देंगे हम कभी उस ज़ुल्फ़-ए-सरकश को
सुलझने पर जब आती है तो फिर ख़म डाल देते हैं
फ़रहत एहसास
ग़ज़ल
मुझ से नज़रें तो मिलाओ कि हज़ारों चेहरे
मेरी आँखों में सुलगते हैं सवालों की तरह
जाँ निसार अख़्तर
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
मेरी हिम्मत देखना मेरी तबीअत देखना
जो सुलझ जाती है गुत्थी फिर से उलझाता हूँ मैं