आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "uThaa.iye"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "uThaa.iye"
ग़ज़ल
दिलों में टालते हो दम निकल ही जावेगा
मैं ना-तवाँ हूँ बहुत आज़माइये न मुझे
पंडित दया शंकर नसीम लखनवी
ग़ज़ल
रफ़्तार का जो फ़ित्ना उठा था सो हो चुका
अब बैठे बैठे और कोई फ़ित्ना उठाइए