आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "صنف"
नज़्म के संबंधित परिणाम "صنف"
नज़्म
ये ख़त लिखना तो दक़यानूस की पीढ़ी का क़िस्सा है
ये सिंफ़-ए-नस्र हम ना-बालिग़ों के फ़न का हिस्सा है
जौन एलिया
नज़्म
आसमाँ जान-ए-तरब को वक़्फ़-ए-रंजूरी करे
सिंफ़-ए-नाज़ुक भूक से तंग आ के मज़दूरी करे
जोश मलीहाबादी
नज़्म
तेरा दिल है ज़ंग-आलूदा मगर चेहरा है साफ़
तेरे ज़ाहिर और बातिन में है कितना इख़्तिलाफ़
माहिर-उल क़ादरी
नज़्म
मर्सिया-ए-गोई बनी मुक़्तदिर इक सिंफ़-ए-सुख़न
या'नी इस फ़न को मिला आप से रुत्बा क्या क्या
नाज़िश प्रतापगढ़ी
नज़्म
क़तार-दर-क़तार सिंफ़-हा-ए-ख़ल्क़ देखती हुई
क़ज़ा भी ठहर कर नज़र बचा के देखने लगी