आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "उनवाँ"
नज़्म के संबंधित परिणाम "उनवाँ"
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
अपने लहू का परचम ले कर आज के दिन मज़लूम उठे थे
एक नए उनवाँ की रिवायत एक नए दस्तूर का दिन है
सुरूर बाराबंकवी
नज़्म
ब-हर-उनवाँ यही इक पेशवा-ए-हुस्न-ओ-ख़ूबी है
ग़लत है एशिया में मोरिद-ए-इल्ज़ाम है उर्दू
माजिद-अल-बाक़री
नज़्म
तलब-ओ-तर्क-ए-तलब सिलसिला-ए-बे-पायाँ
मर्ग ही ज़ीस्त का उन्वान है हर ख़ून-शुदा ख़्वाहिश में
वहीद अख़्तर
नज़्म
बचपन में जो नज़्म पढ़ी थी मैं ने एक रिसाले में
उनवाँ उस का बसा हुआ है अब तक याद के जाले में
शौकत जमाल
नज़्म
मेरे घर आया तो गोया दाख़िल-ए-ज़िंदाँ हुआ
मुल्क में ग़ल्ले की क़िल्लत का नया उनवाँ हुआ