आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "गुर्दे"
नज़्म के संबंधित परिणाम "गुर्दे"
नज़्म
परे है चर्ख़-ए-नीली-फ़ाम से मंज़िल मुसलमाँ की
सितारे जिस की गर्द-ए-राह हों वो कारवाँ तो है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अहल-ए-ईमाँ जस तरह जन्नत में गिर्द-ए-सलसबील
ताज़ा वीराने की सौदा-ए-मोहब्बत को तलाश
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
परेशाँ हूँ मैं मुश्त-ए-ख़ाक लेकिन कुछ नहीं खुलता
सिकंदर हूँ कि आईना हूँ या गर्द-ए-कुदूरत हूँ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
पूछ लो इस से तुम्हारा नाम क्यूँ ताबिंदा है
'डायर'-ए-गुर्ग-ए-दहन-आलूद अब भी ज़िंदा है
जोश मलीहाबादी
नज़्म
कुछ भी चेहरे पे नहीं गर्द-ए-मसाफ़त के सिवा
अपनी दूकान में सब कुछ है मोहब्बत के सिवा
क़ैसर-उल जाफ़री
नज़्म
क़अर-ए-वहशत की तरफ़ मुड़ती है अक्सर राह-ए-फ़न
झाँकती रहती है इस ग़ुर्फ़े से चश्म-ए-अहरमन