आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "झगड़"
नज़्म के संबंधित परिणाम "झगड़"
नज़्म
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
झगड़ कर जब कहा बेगम ने हम से घर से जाने को
बहुत बे-आबरू हो कर ख़ुद अपने घर से हम निकले
ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी
नज़्म
सिदरा अफ़ज़ल
नज़्म
क़ुमरियाँ शाख़-ए-सनोबर से गुरेज़ाँ भी हुईं
पत्तियाँ फूल की झड़ झड़ के परेशाँ भी हुईं
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
झड़ कर रही हैं झड़ियाँ नाले उमँड रहे हैं
बरसे है मुँह झड़ा झड़ बादल घुमंड रहे हैं
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
मिलने से घबराता हूँ मैं झूट नहीं कह पाता हूँ
उस के शिकवे उस की शिकायत झगड़े से डर जाता हूँ
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
याँ हर-दम झगड़े उठते हैं हर-आन अदालत बस्ती है
गर मस्त करे तो मस्ती है और पस्त करे तो पस्ती है