आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तख़्त-ओ-ताज"
नज़्म के संबंधित परिणाम "तख़्त-ओ-ताज"
नज़्म
ग़ौर कीजे कैसे इस तालीम ने पाया रिवाज
किस लिए हामी थे इस के साहिबान-ए-तख़्त-ओ-ताज
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
मैं ख़ुश हूँ फूँक दे कोई इस तख़्त-ओ-ताज को
तुम ही नहीं तो आग लगा दूँगी राज को
चकबस्त बृज नारायण
नज़्म
लगन थी जिस की वो आख़िर स्वराज ले ही लिया
गु़लामियों से छुटे तख़्त-ओ-ताज ले ही लिया
राम लाल वर्मा हिंदी
नज़्म
तख़्त-ओ-ताज की दुनिया तुझ को रास हमेशा आई है
तेरे सर पर तो झंडे की चुनरी ही लहराई है
नज़ीर फ़तेहपूरी
नज़्म
हो कुएँ की तह से तख़्त-ओ-ताज तक यूसुफ़ के साथ
पेट में मछली के यूनुस को रखे जो बा-हयात