आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "निकहत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "निकहत"
नज़्म
नब्ज़-ए-हस्ती का लहू काँपते आँसू में नहीं
उड़ने खुलने में है निकहत ख़म-ए-गेसू में नहीं
कैफ़ी आज़मी
नज़्म
चमन को छोड़ के निकला हूँ मिस्ल-ए-निकहत-ए-गुल
हुआ है सब्र का मंज़ूर इम्तिहाँ मुझ को
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मिरे बाज़ू पे जब वो ज़ुल्फ़-ए-शब-गूँ खोल देती थी
ज़माना निकहत-ए-ख़ुल्द-ए-बरीं में डूब जाता था
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
कँवल का फूल थी संसार से बेगाना रहती थी
नज़र से दूर मिस्ल-ए-निकहत-ए-मस्ताना रहती थी
अख़्तर शीरानी
नज़्म
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
मैं ख़ुदावंद हूँ उस वुसअत-ए-बे-पायाँ का
मौज-ए-आरिज़ भी मिरी निकहत-ए-गेसू भी मिरी
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मह-ए-रौशन है तू और तेरी तलअत रात भर की है
गुल-ए-शब्बू है तू और तेरी निकहत रात भर की है
अख़्तर शीरानी
नज़्म
निकहत-ए-गेसू को तेरी निकहत-ए-सुम्बुल लिखूँ
तेरे नर्म-ओ-नाज़ुक इन होंटों को बर्ग-ए-गुल लिखूँ
जय राज सिंह झाला
नज़्म
किसी ने निकहत-ए-ज़ुल्फ़-परेशाँ का नहीं पूछा
किसी ने दुख के अंदर रौशनी की छब नहीं देखी
अब्बास ताबिश
नज़्म
मेरे अशआर में है फूलों की निकहत ग़लताँ
रूह-ए-गुलज़ार हूँ मैं जान-ए-गुलिस्ताँ हूँ मैं