आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मसरूर"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मसरूर"
नज़्म
वो कैसे लोग होते हैं जिन्हें हम दोस्त कहते हैं
मुझे मसरूर करते हैं वो लम्हे आज भी 'इरफ़ान'
इरफ़ान अहमद मीर
नज़्म
चाह-ए-शब से फूट के निकला मैं मग़्मूम कभी मसरूर
सोच रहा हूँ इधर उधर की इस आबाद ख़राबे में
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
किसी अन-जानी तमन्ना की ख़लिश से मसरूर
अपने सीने के दहकते हुए तन्नूर की लौ से मजबूर
नून मीम राशिद
नज़्म
सुब्ह से शाम तक और रात में भी बातें करती थी
सभों को शाद रखती थी बहुत मसरूर रहती थी